महारानी अहिल्याबाई इन्दौर के राजाधिराज खण्डेराव की राजरानी और मल्हारराव होल्कर की पुत्रवधू थीं।सतरहवीं सदी के समाप्त होने पर मराठों ने जोर पकड़ा। हिन्दूपदपादशाही की स्थापना का आरम्भ छत्रपति महाराज शिवाजी ने किया था। बाजीराव पेशवा ने उसकी पूर्ति की। बाजीराव के स्वामिभक्त सहायकों में दामाजी गायकवाड़, राणोजी सिन्धिया और मल्हारराव होल्कर के नाम उल्लेखनीय है। इस समय मराठों की सेनाएँ विजय सम्पादन में लगी थीं। एक बार गुजरात के किसी विद्रोही दल का दमन करने मल्हारराव पूना जा रहे थे। उन्होंने पाधरड़ी के शिव मन्दिर में डेरा डाल दिया। आनन्दराव अथवा मनकोजी सिन्धिया की होनहार कन्या अहिल्या को उन्होंने