एक संस्मरण - मम्मी का ग़ुस्सा …

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बात सन् १९७५ की हैं मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में सहारनपुर के एक गाँव सबदलपुर में स्वास्थ विभाग में कार्यरत थे. पिता जी का स्थानांतरण थाना भवन( जलालाबाद) से हुआ था.मेरे पिता जी को सिगरेट पीने की आदत थी,एक दिन में करीब १०-१५ सिगरेट पी लेते थे, और उस समय उन सिगरेट की क़ीमत लगभग १.५०-२.०० रुपये प्रतिदिन होती थी और एक लीटर दूध क़रीब १.१५प्रति लीटर हुआ करता था . क़रीब सुबह के १० बजे होंगे रविवार का दिन था मैं और मेरे पापा खाट पर नीम के पेड़ के नीचे बैठे अख़बार पढ़ रहे थे साथ ही