"पिता, प्रेम और त्याग" ट्रेन में समय गुजारने के लिए बगल में बैठे बुजुर्ग से नीति बात करना शुरु किया... " आप कहाँ तक जाएंगे दादा जी " " इलाहाबाद तक । " नीति ने मजाक में कहा " कुंभ लगने में तो अभी बहुत टाइम है।" " वहीं तट पर बेठकर इंतजार करेंगे कुंभ का बेटी ब्याह लिए हैं, अब तो जीवन में कुंभ नहाना ही रह गया है। " " अच्छा परिवार में कौन कौन है । " " कोई नहीं बस बेटी थी पिछले हफ्ते उसका ब्याह कर दिया । " " अच्छा ! दामाद क्या