पहचान खोजती लड़की केरल के हसीन तटों पर वो अकेली ना जाने क्या खोज रही थी। बस जो भी मिलता था उससे वो पूछती जाती थी और अपनी एक छोटी सी डायरी में लिख लेती थी। रोहित का मन हुआ कि वो इससे पूछ ले कि आखिर वो क्या खोज रही है लेकिन न जाने क्या सोचकर वो रूक गया। नियती का चक्र अपने हिसाब से ही चलता है। कोअल्लम का बेहद सुन्दर बीच और उस पर एक कोने में थक हार कर मासूम सी बैठी वो। एक बार फिर रोहित का मन किया उससे बात करने का । वैसे