चिरयुवा बूटी - 3

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(3)  दाढ़ीवाले बाबाऋषिकेश में हिमालय की एक एकांत पहाड़ी पर रहने वाले संत दाढ़ीवाले बाबा का नाम बड़ा प्रसिद्ध था। एक दिन भेार होते ही मोहन उनके दर्शन हेतु निकल पड़ा । उनके आश्रम में पहुंचने के लिऐ उसे दूर जंगल मे करीब ढाई कि.मी. पैदल एक पहाड़ी पर चढ़ना पड़ा । वह सुनसान जगह जंगली जानवरों से भरी हुई थी । वहां जंगली जहरीले साँपों बिच्छुओं व अन्य खतरनाक जीव जंतुओं का बड़ा खतरा था | पहाड़ी की चोटी पर एक झोपड़ी बनी हुई थी । झोपड़ी के बाहर एक मंच था। संत कुछ देर बाद कुटिया से बाहर