समय का काम है चलते रहना और वह निरंतर चलता जा रहा था। कुछ तो सत्ता में न होने के कारण और कुछ घर का माहौल बढ़िया होने के कारण यादवेंद्र घर में ज्यादा समय व्यतीत करने लगा। यूँ तो यशवंत स्कूल वैन पर आता-जाता था, लेकिन कई बार पार्टी दफ्तर जाते समय उसे साथ ले जाता और कई बार उसकी छूट्टी के समय स्कूल से ले आता। उसकी मर्जी की चीजें खिलाता, खिलौने दिलाता और शाम को अपने साथ ही लेकर आता। रमन कहती कि आप बच्चे को बिगाड़ रहे हो। यादवेंद्र बिगाड़ने का अर्थ जानता था। वह अपने