खुदा का इंसाफ

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मृगेंद्र माधव महतो का होनहार एकलौता बेटा था माधव महतो के पास ससुराल की खेती मिली थी क्योंकि महिमा माँ बाप की इकलौती संतान थी जिसकी शादी महिमा जिसकी शादी पंद्रह वर्ष पूर्व माधव से हुई थी तब से माधव अपने ससुराल में ही रहता सास ससुर की सेवा करता माँ बाप की भी पुत्रवत सेवा करता माँ बाप के निधन के बाद श्वसुर मूरत और सास रमावती के अलावा बेटा मृगेंद्र कुल पांच लोगों का परिवार था जब माधव सखौती अपने ससुराल रहने आया तब सखौतीवासी उसे घरजमाई कहते मगर हंस कर टाल देता धीरे धीरे अपने व्यवहार से