किन्ही भी दो ऐतिहासिक व्यक्तियों की तुलना करना संभव नहीं है; उचित भी नहीं है, किंतु इसका एक लाभ यह है कि ऐसी तुलना जिसके साथ की जा रही है, वह अपनी पूर्ण विशेषताओं के साथ हमारे दिल में जगह बनाता है।शिवाजी अनेक कसौटियों पर श्रेष्ठ पुरुषों के बीच श्रेष्ठतम सिद्ध होते हैं। उन्होंने अपने राष्ट्र के गुणों को ही नहीं, अवगुणों को भी पहचाना, जिन्हें दूर करने के प्रयास के साथ जन-जन का स्वाभिमान जाग्रत् किया। शिवाजी ने अपनी प्रजा में एकता की स्थापना कर उसे अनेक पराक्रम करने के लिए प्रोत्साहित किया।शिवाजी की अपेक्षा अधिक पराक्रम करने वाले