सिंह साहब - हैलो... हैलो....हैलल्लल्लो.......क्या हुआअब आज क्या हुआ जो तुम अपने रसगुल्ले जैसे गोलू मोलू गालों को फुला ली हो नहीं...नहीं आज तो तुम्हारे लड्डू जैसे गाल लाल लाल टमाटर जैसे दिख रहे हैं. जया - ... . सिंह साहब - ऐसे गुस्से में क्यों देख रही हो, कुछ बोल भी नहीं रही...बोलो ना?? आज तो लगता है तुम्हारे सर में काली मां सवार हो गईं हैं. जया - ....... सिंह साहब - तुम कुछ बोल ही नहीं रही गुस्से में टेढ़े मेढ़े मुँह बना रही हो और बस! मुझे घूरे ही जा रही हो. ठीक है मत बोलो...मैं