मुस्कान - दिल से बंधी एक डोर (भाग-2)

  • 3.1k
  • 1.4k

रिश्तों की अहमियत.... ? इधर तो नही दिखता। बेच दिया होगा इस शराबी ने ?""चुप रहो माँ" राधिका को न जाने क्यों नवीन को उसके मुँह पर शराबी कहना अच्छा नही लगा।फिर स्टोर रूम में पड़े सामान को एक एक कर लिस्ट में मिलाया गया। बाकी कमरों से भी लिस्ट का सामान उठा लिया गया।राधिका ने सिर्फ अपना सामान लिया नवीन के समान को छुवा भी नही। फिर राधिका ने नवीन को गहनों से भरा बैग पकड़ा दिया। नवीन ने बैग वापस राधिका को दे दिया " रखलो, मुझे नही चाहिए काम आएगें तेरे मुसीबत में ।"गहनों की किम्मत 15