जिद है तुझे पाने की - भाग 2

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“ओह गॉड... फिर से लेट हो गई मैं तो आज.” संध्या ने अपनी रिस्ट वॉच पर एक नजर डाली और कॉरिडोर में और तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा दिए. आज कॉलेज के असाइनमेंट सबमिट करने की लास्ट डेट थी. लेकिन हमेशा की तरह आज वो फिर से लेट हो गई थी. अपने हाथ में पकडे पेपर्स को संभालते हुए वो तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी. अचानक हवा का एक तेज झोंका आया और फ़ाइल में से कुछ पेपर्स निकलकर वहीँ कॉरिडोर में बिखर गए. “अरे यार ...एक तो मैं वैसे ही लेट हो चुकी हूँ ऊपर से