दो औरते - 2

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कमरे में आकर उसने कपड़े बदले थे।फिर बेग खोला था।।उसने बैग में से खाना निकाला था।चलते समय निशा यानी उसकी पत्नी ने खाना रख दिया था।खाना खाकर उसने पानी पिया और फिर खाट पर पसर गया था।रात हो चुकी थी।आसमान से उतरा अंधेरा कमरे में भी चला आया था।लेकिन उसने लाइट नही जलाई थी।छत पर टका पंखा पूरी गति से घूम रहा था।लेकिन गर्मी ज्यादा थी।सुरेश की नौकरी बैंक में लगी थी।उसकी पहली पोस्टिंग मोहब्बत की नगरी ताज में हुई थी।इस शहर में वह नया था।पहली बार इस सहर में आया था।उसके लिए यह शहर अपरिचित,अनजान था।उसने अपने साथी सहकर्मी