दो औरते - 1

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"सुरेश तुम तो एकदम बदल गए,"वह आराम से बैठ भी नही पाया था कि विभा ने बंदूक की गोली की तरह प्रश्न दाग दिया था।"नही तो।बिल्कुल वैसा ही हूँ।देख लो।कहा से बदला हुआ नजर आ रहा हूँ,"सुरेश,विभा की बात सुनकर बोला था।"बस रहने दो।बातें मत बनाओ।क्या पहले तुम ऐसे ही थे।दुल्हन तो आते ही तुम पर जादू कर दिया।"विभा की आंखे लाल हो गयी और चेहरे पर गुस्सा उभर आया।"तुम्हारा ख्याल बिल्कुल गलत है।"सुरेश विभा का इशारा समझ गया।पहले जब भी वह अपने गांव जाता और फिर लौटकर आता तो कभी भी सीधा अपने कमरे में नही जाता था।वह जब