एक दुआ - 7

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7 “क्या आ रहा हूँ ? मुझसे नाराज है न, चल यार सॉरी माफ कर दे अब कभी यह बात नहीं छेड़ूगा ! मुझे नहीं पता था कि तुझे इतना दर्द है जो खत्म होने में नहीं आ रहा है ।” जीजू ने भाई को उठाते हुए कहा । “नहीं नहीं जीजा जी, माफी की क्या बात है ! कोई दर्द वाली ऐसी बात नहीं है ! चलो मैं आ रहा हूँ ।” भाई जीजा जी की बात सुन एकदम से उठ कर बैठ गए थे। “माफ कर दे यार, जीजा जी ने जल्दी से भाई को गले से लगा