बूढ़ा बरगद

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घूमने-फिरने का शौकीन संदेश आज फिर निकल गया था एक अनजानी सी डगर पर। घूमना-फिरना, नई से नई जगह देखना और उस जगह की पूरी जानकारी लेकर कुछ ना कुछ लिखना संदेश को बहुत ज्यादा पसंद था। वो आज फिर से अपनी गाड़ी लेकर यूँ ही आवारगी में निकल गया। कितना चला - उसे मालूम नहीं, वो एक अनजाने से गाँव के बारे में जानकारी लेने की सोचकर निकला था। एक गाँव में रूक कर घण्टों वहाँ के बड़े-बूढ़ों से उस गाँव की जानकारी लेता रहा। जो भी बात उसे लिखने लायक लगती उसे वो अपनी डायरी में लिखता जा