रश्मि के घर आने के बाद रमन को तो जैसे नया जीवन मिल गया। यशवंत का स्कूल में दाखिला करवा दिया गया। यशवंत के स्कूल जाने के बाद वह रश्मि को संभालने में व्यस्त रहती। यशवंत के आने के बाद भी कोई समस्या नहीं थी क्योंकि घर के काम के लिए नौकरानी थी ही। उसकी दस साल की बेटी भी साथ आ जाती थी। रमन ने तो पहले भी उसको लाने से मना नहीं किया था और वह उस लड़की को खाने-पीने के लिए वह सब देती थी, जो घर में बनता था। अब उसने नौकरानी को कहा कि अपनी