बहुत समय बाद फूली के घर में बेटा पैदा हुआ। बेटे का नाम कुमार रखा गया। उसका परिवार खुशियां मना रहा है। समय के साथ साथ बेटा भी बड़ा हुआ। कुमार बहुत ही सुन्दर और पढ़ाई में तेज था। मां का मन उसे बड़ा आदमी बनते देखना चाहता था इसलिए उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य विशेष ध्यान दिया गया। कुमार को हट्टा कट्टा नौजवान बनते हुए देख फूली बहुत खुश होती। बार बार अपने भाग्य और विधाता की सराहना करती। विधाता से प्रार्थना करती की कुमार उसकी आशाओं पर खरा उतरे। कुमार भी अपनी मां फूली का बहुत मान रखता