युगांतर - भाग 18

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यादवेंद्र के मन मुताबिक भूमिका बन चुकी थी या कहें कि जितना उसने सोचा था, उससे बेहतर प्लेटफार्म उसे मिल चुका था। वह भी रमन के पीछे ही चल पड़ा। रसोईघर के पास जाकर उसने पानी माँगा और साथ ही कहा, "रमन! मैं सोच रहा हूँ कि हम बेटी गोद ले लें।" "क्यों, मुझे नहीं पालना किसी का बच्चा।" - रमन ने हैरानी और गुस्से भरे लहजे में कहा। थोड़ा चुप रहकर वह फिर बोली, "बच्चा गोद तो वे लें, जिनके अपने बच्चा न होता हो। हमारे तो बेटा है। अगर दूसरा बच्चा चाहिए तो वह अपना होगा। ऐसे नहीं