त्रिजटा पर्वत श्रृंखला पर घनें वन के बीच एक पुराना महल बना है जहाँ रहती है एक प्रेतनी,जिसका नाम कालवाची है,उसकी आयु लगभग पाँच सौ वर्ष होगी,किन्तु वो अभी भी नवयौवना ही दिखाई पड़ती है,इसका कारण है कि दस दिनों के पश्तात् किसी भी नवयुवक या नवयुवती का हृदय उसका भोजन बनता है,जब उसे किसी नवयुवक या नवयुवती का हृदय खाने को नहीं मिलता तो वो वृद्ध होती जाती है,उसके केश श्वेत होते जाते हैं,आँखें धँस जातीं हैं एवं उसका त्वचा की रंगत समाप्त होती जाती है,इसलिए वो इस बात का बहुत ध्यान रखती है,अपनी इस अवस्था के आने पहले