(6) तुम्हें हमरी मदद की ख़ातिर हमरे घर आई का पड़ी। नौकरी ही समझ लो। हमरा भांजा हमार बिटवा के जईसन। उह के पास रुपए की कोई कमी नाहीं। महिला ने बड़े गर्व से यह बात कही। ख़ुशी को हर हाल में अपनी चेन चाहिए थी। लेकिन वह महिला की शर्त सुनकर असमंजस में पड़ गई। नौकरी करना सम्भव नहीं था। घर से नौकरी की इजाज़त भी नहीं मिलेगी। ख़ुशी विचारों की उधेड़बुन में ही थी कि वह महिला ख़ुशी से कहती है- का सोच में पड़ गई। तुम्हरी चेन चाहिए कि नाही ? चेन तो चाहिए- ख़ुशी ने धीमे