कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस का तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है।पाँच साल पहले वह भी अन्य लड़कियों की ही तरह महाविद्यालय की एक सामान्य छात्रा थी ।उसके भी अपने सपने थे। वह अपने सुनहरे कैरियर के बारे में भी ख्वाब देखती थी। उसका सपना था कि वह देश के लिए एक भौतिक विज्ञानी की भूमिका निभाए और इसके लिए वह कॉलेज में विज्ञान विषय लेकर पढ़ रही थी। तब उसने यह नहीं सोचा था कि वह