रति....रति....कहाँ हो? महेश ने अपनी पत्नी को आवाज लगाते हुए कहा..... यहाँ हूँ गौशाला में,गाय को दाना पानी दे रही हूँ,रति गौशाला से बोली.... पहले मेरी बात सुन लो ,फिर अपना काम करती रहना,महेश ने कहा... आती हूँ जरा ठहरो और इतना कहकर रति गौशाला से आँगन में आ गई और महेश से बोली... कहो जी!क्या बात है?ऐसा भी क्या काम आन पड़ा जो मेरे बिना पूरा ना हो सकता था... अरे!मैं ये कह रहा था कि पास वाले गाँव के जो हमारे खेत हैं,आज वहाँ का अनाज उठवाने जा रहा हूँ,लौटने में देर हो जाएगी तुम खाना खाकर सो