रात के १२:४० हो रहे है , आँखों मैं नींद भी है और ये भी पता है की जैसे ही सोने के लिए आँखें बंद करूँगा ये नींद भाग जाएगी और फिर दिन निकलने तक करवटें बदलने का सिलसिला चलता रहेगा। आज कई दिनो बाद कुछ पुराने दोस्तों को वट्सप पर मेसिज किया है इस उमीद मैं की शायद कोई जाग रहा हो और जवाब दे दे। वैसे तो मैं रोज़ सवेरे ४,३० तक उठ जाता हूँ पर मुझे मालूम है कि आज की रात जागते जागते ही जाएगी। वैसे भी आज इतवार नही है और अगले दिन ऑफ़िस भी