कारण जो भी हो, परिणाम यह है कि शादी का दिन आ गया। 'शादी पर खर्च न हो' यह हजम होने वाली बात नहीं । हम खर्च कम नहीं कर सकते, भले ही हमें इस खर्चे से निपटने के लिए चोरी करनी पड़े या डाका डालना पड़े। इस परिवार ने धन कैसे कमाया था, यह बात भूलकर खर्च, इस तर्क के साथ कि और कमाए किस दिन के लिए जाते हैं, बड़ी दरियादिली से किया जा रहा है। सारी हवेली बिजली के बल्बों से चमचमा रही है। लाईट का प्रबन्ध रहे, इसके लिए एक जरनेटर भी चल रहा है। जनरेटर