भगवान परशुराम जी

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महर्षि ऋचीक ने महर्षि अगत्स्य के अनुरोध पर जमदग्नि को महर्षि अगत्स्य के साथ दक्षिण में कोंकण प्रदेश मे धर्म प्रचार का कार्य करने लगे। कोंकण प्रदेश का राजा जमदग्नि की विद्वता पर इतना मोहित हुआ कि उसने अपनी पुत्री रेणुका का विवाह इनसे कर दिया। इन्ही रेणुका के पांचवें गर्भ से भगवान परशुराम का जन्म हुआ।प्राचीन काल में कन्नौज में गाधि नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी सत्यवती नाम की एक अत्यन्त रूपवती कन्या थी। राजा गाधि ने सत्यवती का विवाह भृगुनन्दन ऋषीक के साथ कर दिया। सत्यवती के विवाह के पश्‍चात् वहाँ भृगु ऋषि ने आकर