ऐसा मेरे ही साथ क्यों होता है? ये ख़याल हम सबके के दिमाग में कभी न कभी ज़रूर आ ही जाता है. आपके मन में भी शायद कभी ये विचार ज़रूर आया होगा की “ऐसा मेरे ही साथ क्यों हुआ? बाकी सब तो कितने खुश हैं, कितने आराम से अपनी ज़िन्दगी जीते है? तो फिर मेरे साथ ऐसा क्यों?” है न ? मेरे भी मन में आता है और मेरे कई दोस्तों के मन में भी यही ख़याल आता है. आश्चर्य ! कितने आश्चर्य की बात है. हम सब एक दूसरे को जानते भी नहीं, हमारी ज़िन्दगी भी अलग अलग हैं,