आस्था....

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आस्था के तार ह्रदय के साथ जुड़े हुए होतें हैं एवं हमारी आस्था हमारी संवेदना से जुड़ी होती है,हमारे मन का विज्ञान ही आस्था को मान सकता है और समझ सकता है,आस्था प्रार्थना और विश्वास दोनों से ही जुड़ी होती हैं,आस्था में इतनी शक्ति होती है कि ये असम्भव को भी सम्भव बना देती है,ऐसा भी कह सकते हैं कि विज्ञान और धर्म एक दूसरे के पूरक होते हैं, ईश्वर में विश्वास करने के लिए तर्क को नहीं त्यागना पड़ता है क्योंकि तर्क आस्था के साथ जुड़ा होता है,आस्था मन -मस्तिष्क को शांत व संतुलित रखकर हमारा पथ -प्रदर्शन करती