तुम दूर चले जाना - 10

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उसने गौर से एक बार दीपक को देखा- निहारा- जी भर के वह उसको देखती रही- टकटकी लगाये। बिना पलक झपकाए- सोचा, शायद दीपक ने उससे कोई मजाक कर दिया हो? उसे विश्वास भी नहीं हो पा रहा था। शायद दीपक ने उसके असीम प्यार को पहचानना चाहा हो? उसकी परीक्षा ली हो? मगर नहीं, दीपक की खामोशी उसके दिल के सारे बिगड़े हुए जजबात पेश कर रही थी। चेहरे की गंभीरता ने उसकी सारी परेशानियों का जिक्र कर दिया था। इसके साथ ही उसकी झुकी-झुकी निगाहें, बेदम दृष्टि, तथा फीकी पड़ गयी मुखमण्डल की सारी आभा उसके एक गुनहगार