खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली - 5

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  खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली 5   रामगोपाल भावुक के उपन्‍यास ‘’रत्‍नावली’’ का भावानुवाद     रचयिता :- अनन्‍त राम गुप्‍त बल्‍ला का डेरा, झांसी रोड़ भवभूति नगर (डबरा) जि. ग्‍वालियर (म.प्र.) 475110 पंचम अध्‍याय – गंगेश्‍वर दोहा – नित प्रति की है जो व्‍यथा, सहत सहत सह जाय। आत्‍म शक्ति विश्‍वास की, आस्‍था त्‍योंहि बढ़ाय।। 1 ।। त्‍यों पाठक परिवारहिं जानो। सबही चिन्‍ता रहै भुलानो।। रतनहु दुख परिवर्तन कीना। पुत्र प्रेम में अब मन दीना।। केशरकाकी सुत व्‍यवहारा।  रहती क्षुब्‍ध सु करत विचारा।। बहुत दि