जैसे ही पाखी सोफे से टकड़ा कर गिरने ही वाली होती है अरूण उसे अपने एक हाथ से थाम लेता है पाखी धीरे धीरे अपनी आंखें खोलती है गिरने के डर से पाखी ने अपनी आंखे बन्द कर ली थी। दोनों ही एक दुसरे को देख रहे होते है तभी अरूण की जेब में रखा उसका मोबाइल रिंग होता है अचानक ही फोन के रिंग होने से दोनों ही डिसबैलेंस होकर वही सोफे पर गिर जाते है।।।।। पाखी वही सोफे पर गिरी हुई थी तो वही ठिक अरूण भी पाखी के ऊपर था ऐसे अचानक गिरने की वजह से दोनों