फागुन के रंग राधे के संगश्रृंगार ही प्यार है राधे"-----------------------लटों को सुलझाकरमैं तुम्हारा श्रृंगार करूँ राधे.. तुम कामना हो तुम भावना होसांसों के स्पंदन का गीत हो राधे. . मेरा संसार हो राधे... ----बांसुरी के धुन पर नचाऊं मैं संसारपर प्रित में तुम्हारे नाचूं स्वयं मैं बारंबार... _____श्रृंगार तुम्हारा पूरा न होकृष्ण का नाम जब तक जुडा न होगाकृष्ण भी तुम हो राधा भी तुम होसंसार की भावना... मनोकामना भी तुम ही होमेरी बांसूरी का संगीत भी तुम ही होराधे... _______तुम ही मन मीत हो राधे संगीत हो राधे... तुम ही जीत हो राधेतुम ही प्रीत हो राधे... ___ -------डॉ