छुटकी दीदी - 8

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- 8 - सेन्ट्रल स्कूल का नियुक्ति पत्र आया तो कौतुहलवश खोलते हुए सलोनी के हाथ काँपने लगे। ‘नानी, हमारी नौकरी लग गई और वह भी दिल्ली में,’ ज़ोर से चिल्लाकर सलोनी नाचने लगी। दोनों हाथ ऊपर उठाकर ईश्वर का धन्यवाद करने लगी। आवाज़ सुनकर नानी भी वहाँ आ गई, ‘क्या हुआ छुटकी?’ ‘नानी, हमारी नौकरी लग गई स्कूल में, और वह भी दिल्ली के स्कूल में।’ सलोनी नानी को गोद में उठाकर नाचने लगी। नानी ने इस ख़ुशी पर मन्दिर में पाँच सौ रुपए का प्रसाद बाँटने का संकल्प लिया था। ‘हे भगवान, आपने मेरी छुटकी की सब ज़िम्मेदारी