छुटकी दीदी - 7

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- 7 - आज ज्योत्सना सलोनी के बालों में तेल लगाने बैठ गई। अपनी माँ की गोद में सटकर बैठना उसे बहुत अच्छा लगा। आज उसने अनुभव किया, ममता की छाँव में कितना आनन्द होता है! ‘माँ, तीन दिन बाद सिमरन के साथ आपकी दिल्ली जाने की टिकट है।’  सलोनी चाहती थी कि माँ इसी प्रकार सदैव उसे गोद में बिठाए रहे। माँ से अलग रहकर बहुत प्यासा रहा उसका बचपन। स्कूल में कई बार कठिन क्षण आते तो उसे अपनी माँ की बहुत याद आती थी। ‘बेटी, दो मास हो गए अपना घर छोड़े, फिर सिमरन के स्कूल भी