- 6 - एक माह पूर्व ज्योत्सना कोलकाता आ गई। उसके साथ सिमरन भी कोलकाता घूमने आ गई। उसके स्कूल की छुट्टियाँ थीं तो उसके पापा ने उसे भी भेज दिया। सामान की गिफ़्ट पैकिंग होने लगी। बच्चे का जन्म कानपुर में होना था और उसके स्वागत की तैयारी कोलकाता में हो रही थी। एक दिन सुबह-सवेरे सलोनी का फ़ोन बजा तो ख़ुशी का समाचार सुनकर वह उछल पड़ी। बड़ी दीदी भाग्या को जुड़वाँ बच्चों का जन्म हुआ था। माँ किचन में थी और नानी पूजा गृह में बैठी थी। सलोनी वहीं से चिल्लाई, ‘अरे सुनो भाई, सुनो, हमारी बड़ी