तमाचा - 30 (शंका )

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दिव्या ने एक ही रात में ऐसा राजनीतिक दांवपेंच खेला कि तेजसिंह चारों खाने चित हो गया। उसकी सारी योजना धरी की धरी रह गयी। तेजसिंह अध्यक्ष पद की टिकट न मिलने पर पहले पार्टी में फूट डालने वाला था और उसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ा होना चाहता था। पर दिव्या को भी राजनीतिक बुद्धि विरासत में मिली थी । जिसका उसने सही समय पर सही तरीके से उपयोग किया। तेजसिंह के प्लान की जानकारी मिलते ही उसने रात ही रात में एक योजना बना दी और दिन होते ही उसे साकार रूप भी दे दिया। विधायक