सोई तकदीर की मलिकाएँ - 43

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  43   भोला सिंह खेत में काम करवा कर लौट आए थे । गेजा आते ही नौहरे मे गया और गायों का दूध निकाल कर ले आया । शाम अपने पूरे जौबन पर थी । सूरज अपना दिन का काम खत्म करके अब पश्चिम की यात्रा पर निकल पङा था । रात अपनी सितारों जङी चुनरी अपने चौगिर्द बिखेरे धीरे धीरे धरती पर पग बढा रही थी । जयकौर ने आसमान की ओर आजिजी से देखा । सुभाष को संधवा से गये हुए छब्बीस घंटे हो गये थे और अभी तक उसके लौटने की कोई खबर न थी ।