अब तक आपने पढ़ा रघुबीर सिया के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है , जिसे सुनकर सिया बहुत खुश होती है। रघुबीर की छुट्टियां भी खत्म हो जाती है वह लौट जाता है अपनी भारत माता की सेवा के लिए।।अब आगें.....मुझें जब रघुबीर ने गले से लगाया तो मैं अपने आँसू रोक नहीं पाई। रघुबीर की नीली शर्ट मेरे आंसुओं से भीग गईं। खुद को संभालते हुए रघुबीर ने कहा - बेवकूफ लड़की ! अपना वादा याद रखना , इन आँखों से आँसू बहने न देना। अबकी बार जब आऊंगा तो घोड़ी पर बैठकर आऊंगा..तैयार रहना... मैं हल्का सा मुस्कुरा