दिल की उड़ान - भाग 3

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अहमदाबाद मैं एक नई सुबह हो चुकी हैं. ये सुबह अभिनव की जिंदगी मैं एक नया पड़ाव लाने वाली हैं. सुबह होते ही अभिनव तैयार हो जाता हैं और रूम से बहार निकलकर नीचे आता हैं. उसके पापा उसके सामने देखते हैं उससे पूछते है की " इतनी सुबह सुबह तुम तैयार हो कर कहा जा रहे हो? " तब अभिनव कहता हैं की अपना बिजनेस शरू करना चाहता हु इसलिए अभी मुझे थोड़े दिन नौकरी करनी हैं. उसके पापा ने उसको बहोत समझाया की तुम मेरी कंपनी मैं काम करो और तुम्हे पैसे की जरूरत है तो मेरे पास