मानव मन विचित्र होता है,इसको समझना सबके बस की बात नहीं । फ्रायड ने सबसे पहले मनोविश्लेषण को विज्ञान का रूप दिया था |वे मानव –मन के तीन स्तर मानते थे –चेतन,अर्धचेतन और अवचेतन |अवचेतन की खोज उनके मनोविश्लेषण का आधारभूत सिद्धान्त था |वे कहते थे कि मानव –मन का 3/4 भाग अवचेतन है |इसी अवचेतन के द्वारा मनुष्य के स्वभाव ,व्यवहार तथा विचारादि रूप पाते हैं |चेतन हमारे मन का वह भाग है जो सामाजिक जीवन में सक्रिय रहता है तथा जिसकी क्रियाओं का हमें ज्ञान रहता है |अवचेतन में होने वाली क्रियाओं का हमें ज्ञान नहीं होता |चेतन