वेलेंटाइंस डे - 2

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अब तक आपने पढ़ा कि रघुबीर जब तिरंगे में लिपटे हुए आने की बात कहता है तो सिया रूठ जाती है और कहती है मुझसे इस तरह की बाते न किया करो।अब आगें....हँसते हुए रघुबीर ने कहा - बेवकूफ लड़की ! तुमसे समझदारी वाली बातों की उम्मीद में करता भी नहीं। तुम हमेशा ऐसे ही रहना सिया..तितलियों सी चंचल। मैं तुम्हें हँसते मुस्कुराते देखता हुँ तो सुकून मिलता हैं। वादा करो कभी इन आँखों से आँसू न बहने दोगी।मैंने चुटकी लेते हुए कहा - जो तुमको हो पसन्द वहीं बात करेंगे...यूं ही हँसते-मुस्कुराते हम घर तक आ गए। मैंने रघुबीर