यादों के कारवां में - भाग 5

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यादों के कारवां में :अध्याय 5 पुरानी यादें ..... जैसे डायरी के पन्ने पलटते हुए अतीत में पहुंच जाना.............. जैसे एल्बम देखते हुए पुरानी तस्वीरों का वर्तमान में सजीव हो उठना....... और कुछ पाने की खुशी तो कुछ खो देने की कसक..... पर पुरानी यादों की रील में कुछ डिलीट करनी की नहीं होती कोई सुविधा... इसीलिए ये आंखें भिगो जाती हैं कई बार कभी खुशी में तो कभी अफ़सोस में..... (14) चाय और इंतजार चाय के दो प्यालों में आकर जैसे ठहर जाती है सारी दुनिया जैसे रोज की भागदौड़ और जद्दोजहद के बीच कहीं मिल जाता है एक