बंधन प्रेम के - भाग 5

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(एक लंबी यात्रा के यादगार पलों को जीने के बाद मेजर विक्रम और शांभवी वापस लौटे……क्या आज की रात मेजर विक्रम अपना प्रेम प्राप्त कर सकेंगे? क्या शांभवी उन्हें अपने मन की बात बता पाएगी जो कहीं न कहीं उसके अतीत की स्मृतियों से जुड़ी है….. यह सब जानने के लिए पढ़िए इस उपन्यास का आज का यह भाग……… (9) एयरपोर्ट से घर पहुंचते रात हो गई। शांभवी के मम्मी-पापा ने जिद करके विक्रम को घर में ही रोक लिया।विक्रम ने कहा- मैं आप लोगों की बात टालूँगा नहीं,लेकिन एक बार मम्मी-पापा को फोन करके बता देता हूं।अपने मम्मी और