“मेरे साथ ही रहो, स्वीटहार्ट, नही तो तुम खो जाओगे।” एक औरत बड़े ही प्यार से उस बच्चे को देख रही थी। “ओके, मम्मा।”“यह मंदिर सुंदर है ना, राणा?““यह बहुत बड़ा है, क्या यह सारे लोग यहीं रहते हैं?“वोह औरत उस बच्चे की मासूमियत पर मुस्कुरा गाए। “यह यहाँ भगवान से मिलने आए हैं।”“मुझे भी भगवान से मिलना है, अभी।”“तुम्हे डैडी का इंतज़ार करना होगा, वोह अभी अपने दोस्तों से बात कर रहे हैं।”वोह बच्चा अपने पापा को इधर उधर देखने लगा और उसे वोह थोड़ी दूरी पर बैठे दिखाई दिए किसी के साथ गहरी बातचीत करते हुए। “मैं अभी