शादी की बात सुन कर अरूण के जैसे पैर जमीन पर ही जम गए थे। वो गहरी सोंच में ही डूब गया ..............। पाखी ने जैसे ही अरूण के कंधे पर हाथ रखा । तो जेसे अरूण अपने ख्यालों से बाहर आया । तब तक डॉक्टर भी जा चुके थे । वहां पाखी , अरूण, रघु और मोहन दास ही थे ।तभी बाहर से किसी के आने की आहट आती है सब उस तरफ देखते है सामने से एक औरत आती हुई दिखती है। पाखी जल्दी से जाकर उस औरत के गले से लग गई और रोने लगी । उसे