घी के लड्डू टेढ़ों भलो

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                                                           कहानी - घी के लड्डू टेढ़ों भलो          आज मेरी माँ को जिस बात का डर था वही हुआ  . इस बार उन्हें फिर निराशा ही मिली  . दरअसल मुझे देखने के लिए लड़के वाले आये थे , लड़का भी साथ था  . मम्मी पापा ने उनके स्वागत में कोई कमी नहीं बरती   .मुझे भी अपने जानते भर अच्छे से तैयार किया था पर नतीजा वही ढाक के तीन  पात  . जाते समय लड़के के माता पिता ने कहा “ हम घर जा कर आपस में विचार कर अपना फैसला फोन पर बता देंगे