हमने दिल दे दिया - अंक ३५

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अंक ३५ अंश और गोपी की प्रेमकथा    अच्छा अच्छा सॉरी बाबा सॉरी मुझे माफ़ कर देना तुम को कोई ग़लतफहमी हो गई है यह डायरी और इस डायरी में लिखी हुई सारी बाते मेरी नहीं है किसी और की है जैसे यह तुमको मिली थी वैसे ही तुम्हारे पहले मुझे | पढ़ा मैंने सब इस डायरी में जो लिखा है वो बहुत प्यार करती है तुम से और जैसा तुम्हारे बारे में लिखा है अगर तुम वैसे ही हो तो मुझे भी तुम से प्यार हो जाएगा यार सच में तुम एसे इंसान हो ...गोपी ने डायरी का सच