एक रूह की आत्मकथा - 39

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नशे में धुत्त कामिनी को मयंक किसी तरह होटल के उसके कमरे तक ले आया था।ज्यों ही उसने उसके बेड पर लिटाया,वह समर.. समर कहती हुई उससे लिपट गई। बड़ी मुश्किल से उसने उससे खुद को छुड़ाया।उसने सोचा कि उसे नशा काटने वाली सुई लगा दे।वह अपने कमरे में गया और अपना मेडिकल बैग लेकर आया।उसमें फस्ट एड बॉक्स से लेकर इमरजेंसी में सर्जरी करने तक का सामान था। जब वह दुबारा कामिनी के कमरे में आया ,तो उसे देखता ही रह गया।कामिनी बेसुधी में अर्धनग्न हो गईं थी। उसकी सफेद संगमरमर -सी जांघें और सुडौल वक्ष रोशनी में चमचमा