एक अफ़ग़ान उबर ड्राइवर

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            परिवार, भाषाई मायने से समान मूल्यों से जुड़े हुए व्यक्तिओ का समूह, पर मैं अगर आपसे पूछु तो? किसी के लिए माँ के होने का सुकून, पापा का गुस्सैल स्वभाव, बहन की शरारत, भाई की नादानियाँ और इन सब से जूझते हुए आप। मेरे लिए दिनभर भटकने के बाद, जीवन की ऊंच-नीच, हार- जीत, हताशा के बाद शाम के ढलते सूरज सा घर पोहंचना। माँ का हररोज़ एक ही सा नादान सवाल " कैसा रहा आज का दिन, बेटा?" पापा का फ़ोन के किनारे से देखन, कयास लगान की सब ठीक ही होगा, होगा