मेरी अर्थी तेरे फूल

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मेरी अर्थी तेरे फूलएक, बेहद दर्दभरी, मार्मिक प्रेम कहानी शरोवन समर्पितकौसानी की गगनचुम्बीसुंदर पर्वत छटाओं को,जिन्होंने मुझे सदैव ऊंचाइयोंपर चढ़ने की प्रेरणा दी.-शरोवन मेरी अर्थी तेरे फूल प्रथम परिच्छेद- 1कौसानी. पहाड़ी इलाका. पर्वत ही पर्वत. पत्थरों का देश. जिधर भी निगाहें मोड़ों उधर ही चट्टानों पर चांदनी जैसे नृत्य कर रही थी. हर तरफ चीड़ और चिनार के ऊँचे-ऊँचे वृक्ष खामोश खड़े थे. अभी कुछ देर पहले ही बादल अपना मुहं दिखाकर भाग गए थे. संध्या के करीब सात बजे होंगे, और चन्द्रमा एक पहाड़ी के पीछे से झाँकने लगा था. फिर भी वातावरण में एक चुप्पी छाई हुई थी.