शादी के 6 महीने बाद भी अपनी पत्नी के प्यार को तरस रहा था मंयक...वजह थी...मंयक की साधारन सी छवि,और साधारन सी नौकरी....कोई बनावट नही...संयम से काम लेने वाला, गुस्सा तो मंयक को आता ही नही था ...अपनी प्राची को भी देखते ही पंसद कर लिया था मंयक ने.... प्राची गेहूआ रंग,तीखे नैन नक्श ,के साथ बला की खुबसूरत थी....बस एक ही कमी थी उसमे...कि वो खुद की तुलना हमेशा दूसरो से करती थी.... इस शादी के लिए भी वो राजी नही थी ...पर पिता की बीमारी...और मा के भारी भारी...डायलोग के सामने उसकी एक ना चली....वो किसी को बोल